*डॉ सरकार और कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर जीअधिकारी ने बताया कैसे होती है समाजसेवा*
जिला अनुपपुर मध्यप्रदेश

डॉ सरकार और कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर
अधिकारी ने बताया कैसे होती है समाजसेवा
अनूपपुर – आप को सायद अटपटा लगे पर हकीकत से मुह मोड़ना आम आदमी की फितरत हो सकती है पर दुनिया मे स्वर्गीय डॉ प्रवीर सरकार बिरले ही हुआ करते है एक तरफ जहां स्वर्गीय डॉ प्रवीर सरकार अनूपपुर की रूह में बसे वही कई वर्षों पूर्व रेल्वे स्टेशन में मिलने वाली शिवनी को स्वर्गीय डॉ सरकार जैसा पिता मिला तो पुत्री सिवनी ने अन्तिम संस्कार कर पुत्री धर्म निभाया,डॉ प्रवीर सरकार ने जो धर्म निभाया अनूपपुर जिले के लिए वो किसी पालक धर्म से कम नही और ऐसा पालक जिसे मिले वो स्वर्ग से भी सुंदर घरौंदा अपने आप बन जाता है जिसकी बानगी हम आप सबने अक्सर माँ शारदा कन्या पीठ पोड़की में देखी है
अनूपपुर के सरकार का यूँ जाना किसी बिराने से कम नही
दरसल लगभग 1994 से 1997 के बीच स्वर्गीय डॉक्टर प्रवीर सरकार ने कलकत्ता से अनूपपुर के पोड़की पहुंचे और गरीब बैगा जनजातियों के जीवन सँवारने का बीड़ा उठाया और एक छोटे से झोपड़े में जो सुरुआत की वो कई विषम परिस्थितियों को पीछे छोड़ते हुए कई आयाम स्थापित किये और लगातार संघर्षरत रहे और अपने जीवन को इसी संघर्ष में न्योछावर कर दिया
पालक का धर्म भूंखे रह कर निभाया
डॉ सरकार अक्सर बच्चों के खाने पीने अन्य व्यवस्थाओं के चक्कर मे अक्सर पैदल ही कई कई किलोमीटर का सफर तय कर स्कूल में रहने वाले बच्चों के लिए सामग्री एकत्रित करते रहे और खुद भूंखे प्यासे रह कर एक पालक की भांति धर्म पथ पर चलते रहे
कई अधिकारीयों ने दिया सहयोग
स्वर्गीय डॉ प्रवीर सरकार का इस नेक कार्य मे जहां कई आम व्यापारी,आम जनता,और कई अनजान लोग लगातार सहयोग करने से गुरेज नही किया उनमें से एक पूर्व शहडोल कलेक्टर पंकज अग्रवाल जो अक्सर डॉ सरकार के साथ खड़े रहे तो ,अनूपपुर में पदस्थ रहे स्वर्गीय के के खरे,कवींद्र कियावत,जैसे कलेक्टरों ने भी लगातार सहयोग कर इस संस्था को चलाने में डॉ साहब के साथ चलते रहे किंतु प्रशासनकी अड़चनों ने इन सब की सीमाये बांध रखी थी और डॉ सरकार की आखरी मंशा थी कि उनके द्वारा प्रदेश सरकार को जो जमीन दी गई है कि उसे संस्था के नाम से नामांतरण कर दिया जाए उसे आखिर कार अमली जामा पहनाया वर्तमान कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर ने
प्रशासनिक से बेटे जैसे तक का फर्ज अदा किया चंद्रमोहन ठाकुर ने
आज मैं ये दावे से कह सकता हूँ कि हर प्रशासनिक अधिकारी अपनी पोस्टिंग के दौरान अपने कार्यों को बखूबी अंजाम देने का हर प्रयास करता है हो सकता है कुछ लोगों के नजर में कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर अपेक्षाओं में खरे न उतरे हो पर मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि कलेक्टर के साथ साथ चंद्रमोहन ठाकुर ने सामाजिक,पालक,पुत्र धर्म निभाया है जो इस अनूपपुर जिले के लिए गौरव की बात है,दरसल मैं भी किस व्यस्त कार्यक्रम में कहीं था पर उन सबके बीच मुझे स्वर्गीय डॉ सरकार के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचना था और मेरे दिल मे एक ही बात बार बार आ रही थी कि आज मंत्री का आगमन है और कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर को प्रशासनिक धर्म के साथ साथ एक और धर्म निभाने है और वो जरूर पहुंचेगे यह बात मैंने अपने साथियों से भी कही क्यों कि अब तक कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर का उस स्कूल और डॉक्टर सरकार के बीच जो कड़ी बनी थी वो अक्सर मैंने देखा है और सायद प्रशासनिक अधिकारी रहते हुए भी कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर एक पालक धर्म भी समय समय पर निभाते दिखे थे और आज उनके सामने दोनो धर्म निभाने की कड़ी परीक्षा थी और कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर ने बखूबी जहां प्रशासनिक धर्म निभाया तो वही पालक,पुत्र,सजिक क्या नाम दुँ उसको निभाने में कोई कमी नही छोड़ी स्वर्गीय डॉ सरकार के पार्थिव शरीर के सामने पहुंचते ही लगा जैसे एक पुत्र ने पिता खो दिया नम आंखों से विदाई और डॉ सरकार मानो कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी सौंप कर चले गए और ऐसा लगा मानो स्वर्गीय डॉ सरकार चाहते थे कि उनकी जमीन स्कूल के जिम्मे हो जाये और वो सब कुछ जिम्मेदार कंधों में सौंप कर दुनिया से सुकून से रुखसत हो,
बच्चों को बड़ी उम्मीदें है आप से
कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर यहां पढ़ने वाले बच्चों को बहुत उम्मीदें है और हम सभी भी यही उम्मीद करते है कि आप एक प्रशासनिक जिम्मेदारी से बंधे हुए है आज नही तो कल आप को अपने फर्ज के लिए जाना होगा पर जाने से पहले इन सैकड़ों बच्चों का भविष्य आप के हांथो में है और ये संस्था जिन सपनो के लिए खुली थी अनवरत इन बच्चों के सपने।पूरे होते रहे ऐसी कोई कानूनी प्रक्रिया जरूर आप कर के जाए और जब भी वक्त मीले आप का हाँथ इन बच्चों के लिए बढा रहे वैसे जो हमारी आंखों ने देखा उसके बाद आप से मांगने कहने की जरूरत नही है फिर भी गुजारिश है इस शिक्षा के मंदिर को अनवरत इसी तरह संचालित होती रहे आप का सहयोग जरूरी है।
देखिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज
चंद्रभान सिंह राठौर
शहडोल संभाग प्रमुख कि खास खबर