पूर्व सरपंच परिवार पर झूठे आरोप लगाकर अवैध वसूली का दबाव, आत्महत्या की धमकी से दहशत मे ग्रामीण
जिला कटनी मध्य प्रदेश

पूर्व सरपंच परिवार पर झूठे आरोप लगाकर अवैध वसूली का दबाव, आत्महत्या की धमकी से दहशत मे ग्रामीण
(पढिए जिला कटनी ब्यूरो चीफ ज्योति तिवारी की खास खबर)
कटनी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान पूर्व सरपंच सोनी परिवार ने की शिकायत, निष्पक्ष जांच की मांग
मध्य प्रदेश जिला कटनी/स्लिमनाबाद।
मंगलवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई के दौरान स्लिमनाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम धूरी से पहुंचे पूर्व सरपंच सोनी परिवार ने गांव के ही एक व्यक्ति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सोनी परिवार ने लिखित शिकायत के माध्यम से बताया कि भारत लोधी नामक व्यक्ति द्वारा लगातार झूठी शिकायतें कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है तथा पैसों की अवैध मांग पूरी न होने पर आत्महत्या करने की धमकी दी जा रही है।
पूर्व सरपंच सोनी परिवार का आरोप है कि भारत लोधी द्वारा पूर्व में भी कई बार आत्महत्या करने की धमकी दी गई है और कहा गया है कि यदि उसकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह आत्महत्या कर परिवार को झूठे प्रकरण में फंसा देगा। इससे पूरा परिवार लंबे समय से भय और तनाव के माहौल में जीवन यापन करने को मजबूर है।

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस पूरे मामले में भारत लोधी को वर्तमान सरपंच के पति मनोज लोधी का कथित संरक्षण और सहयोग प्राप्त है।
इसी सह के चलते वह बार-बार आत्महत्या की धमकी देकर अवैध वसूली का दबाव बना रहा है और पूर्व सरपंच परिवार की सामाजिक छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहा है।
सोनी परिवार ने जनसुनवाई में प्रशासन के समक्ष अपनी पीड़ा रखते हुए कहा कि वे पूरी तरह से सदमे में हैं और किसी भी अप्रिय घटना की आशंका से भयभीत हैं। परिवार ने मांग की है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष एवं सूक्ष्म जांच कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और उन्हें न्याय मिल सके।

साथ ही सोनी परिवार ने प्रशासन से यह भी आग्रह किया है कि भविष्य में यदि किसी प्रकार की अनहोनी घटना घटित होती है तो इसके लिए उन्हें जिम्मेदार न ठहराया जाए, क्योंकि वे पहले ही संबंधित व्यक्ति की धमकियों और दबाव की जानकारी प्रशासन को दे चुके हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच का आश्वासन दिया है।

अब देखना होगा कि इस मामले में जांच के बाद क्या कार्रवाई की जाती है और पीड़ित परिवार को कब तक राहत मिल पाती है।




