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*शहडोल जिले में गेंदा, स्ट्रौबरी, गुलाब, किनोवा, टमाटर तथा लेवनक्रॉस की खेती का किया जाएगा नवाचार*

शहडोल जिला मध्य प्रदेश

शहडोल जिले में गेंदा, स्ट्रौबरी, गुलाब, किनोवा, टमाटर तथा लेवनक्रॉस की खेती का किया जाएगा नवाचार

गेंदा एवं गुलाब की कृषि में किसानों को करें अग्रणी – कलेक्टर

फील्ड में कृषि मैदानी अमला समर्पण भाव से काम करें – कलेक्टर

प्राकृतिक खेती हेतु आवश्यक संसाधन किसानों को मुहैया कराएं अधिकारी – कलेक्टर

रिपोर्टर – चंद्रभान सिंह राठौर (संभागीय ब्यूरो चीफ)

शहडोल/5 जून 2022/

कलेक्टर वंदना वैद्य ने अधिकारियों को निर्देशित करते कहा कि शहडोल जिले में अब गेंदा, स्ट्रौबरी, गुलाब, किनोवा, टमाटर, तथा लेवन ग्रास की खेती का नवाचार किया जाएगा। इनकी खेती के लिए कृषि विभाग के अधिकारी तथा मैदानी अमला किसानों को प्रेरित प्रेरित करें। उन्होंने निर्देशित किया कि कृषि विभाग का अमला किसानों को घर-घर जाकर कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दें तथा इनकी खेती से होने वाले लाभ के संबंध में किसानों को विधिवत जानकारी दें। जिससे किसान इनकी खेती करके लाभ अर्जित कर सके तथा जिले को प्रदेश स्तर में अग्रणी बनाया जा सके। उक्त निर्देश कलेक्टर वंदना वैद्य ने दिन रविवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय की विराट सभागार में आयोजित एपीसी के बैठक में दिए।
इस दौरान कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को गेंदा एवं गुलाब की कृषि के लिए ज्यादा प्रोत्साहित करें, जिसके कारण कृषक बाजार में फूलों की बिक्री कर अधिक से अधिक आय अर्जित कर सकेंगे तथा गेंदे की खेती में फूल के साथ-साथ पत्तियों का भी बाजार में अच्छा मूल्य मिलता है, पत्तियों से मेडिसिन तैयार होती है, इसलिए गेंदे की पत्तियां आसानी से बाजार में बिक सकता है, जिससे किसानों को दोगुना लाभ अर्जित होगा। यह कार्य कृषि विभाग के अधिकारी तथा मैदानी अमला पूरे मनोयोग, सेवा तथा समर्पण की भावना से करें।

बैठक में कलेक्टर ने गेंदा एवं गुलाब की खेती के लिए किसान तथा जगह चिन्हित करने के निर्देश उपसंचालक कृषि को दिए। कलेक्टर ने कहा कि यह हमारा नवाचार एक सार्थक प्रयास होगा कि किसान रवि एवं खरीफ की फसल के अलावा अन्य फसल के प्रति भी जागरूक हो सके तथा उसकी आमदनी बढ़ सके। उन्होंने कहा कि मेरा संकल्प है कि जिले को प्रदेश में एक अलग पहचान दिलाना, के लिए यह नवाचार आवश्यक है। इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि टमाटर की खेती भी अपने जिले में किसानों के द्वारा अधिक से अधिक करवाया जाए, जिससे महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से टोमेटो कैचप के लिए प्लांट डाल सकें, इससे भी किसानों एवं महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों की आमदनी में इजाफा हो सकेगा। बैठक में कलेक्टर ने प्राकृतिक खेती हेतु आवश्यक संसाधन किसानों को मुहैया कराने के निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिए।
बैठक में उद्यानिकी विभाग की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने “एक जिला एक उत्पाद” के अंतर्गत हल्दी उत्पादन की भी समीक्षा की तथा सहायक संचालक उद्यान को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक मात्रा में हल्दी का उत्पादन किया जाए तथा इन्हें विक्रय करने हेतु कार्यवाही की जाए। जिससे अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सके तथा उन्हें हल्दी के लिए प्रेरित भी किया जाए। इस दौरान कलेक्टर ने मनरेगा अंतर्गत नर्सरिया, फर्म की अधोसंरचना एवं पौध उत्पादन प्रगति की समीक्षा की, पौध उत्पादन कम पाया गया, जिसमें कलेक्टर ने प्रगति लाने के निर्देश सहायक संचालक उद्यान को दिए।
बैठक में कलेक्टर ने खाद उर्वरक की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों को आवश्यकतानुसार रासायनिक उर्वरक प्रदाय किया जाए। इस दौरान कृषि विभाग के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आत्मा ने कलेक्टर को अवगत कराया कि किसानों को डीएपी की बजाय एनपीके एवं एसएसपी की उपयोगिता को बढ़ावा देना चाहिए जिससे अधिक से अधिक फसल उत्पादन किया जा सके एवं डीएपी की बजाय एनपीके एवं एसएसपी किसानों के लिए अधिक सस्ता पड़ेगा। जिस पर कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित कि किसान डीएपी की बजाए एसएसपी एवं एनपीके उर्वरक ज्यादा से ज्यादा किसानों को मुहैया कराएं तथा इसके प्रति जागरूक करें। कलेक्टर ने कहा कि इसके लिए किसानों के मोबाइल फोन में कॉल सेंटर से समन्वय स्थापित करते हुए कॉल भी सुनवाई जिससे अधिक से अधिक किसान इसके प्रति जागरूक हो सके।

बैठक में कलेक्टर ने फर्टिलाइजर उर्वरक के उपयोगिता के संबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि किसानों को उर्वरक पीओएस मशीन के माध्यम से ही प्रदाय किया जाए इसकी कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए। किसानों को इसके लिए जागरूक किया जाए तथा किसानों को उर्वरक के साथ-साथ रसीद अवश्य लेने के निर्देश कलेक्टर ने दिए।‌ उन्होंने कहा कि अगर अवैध रूप से उर्वरक करें एवं विक्रय करते हुए पाए जाने पर दंडात्मक कार्यवाही भी किया जाएगा।

बैठक में कलेक्टर ने कृषि विभाग के सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों की भी समीक्षा की तथा लंबित प्रकरणों को जल्द से जल्द निराकरण कर बंद करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में कलेक्टर ने संस्थावार, फसलवार बीज वितरण के लक्ष्य की उपलब्धता भंडारण एवं वितरण की भी समीक्षा की तथा उर्वरक के भंडारण की जानकारी प्राप्त की। बैठक में कलेक्टर ने किसान क्रेडिट कार्ड अभियान के प्रगति की भी समीक्षा की। इस दौरान कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कृषि कार्य में किसान तथा उनकी विभिन्न जानकारियां विधिवत संलग्न करके अपने पास रखें जिससे आवश्यकता पड़ने पर किसानों से संपर्क किया जा सके।

बैठक में उप संचाrलक कृषि अमर सिंह चौहान, प्रोजेक्ट डायरेक्टर आत्मा कृषि आर.पी. झारिया, सहायक संचालक कृषि रामेंद्र सिंह, सहायक संचालक उद्यान मदन सिंह परस्ते एवं पी.बी.एस. चौहान सहित कृषि एवं उद्यान विभाग का मैदानी अमला उपस्थित था।

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