*पॉवर, नियम, कानून, सब जेब मे, सूचना अधिकार की धज्जियां क्यू उड़ा रहा अधिकारी ?*
अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

पॉवर, नियम, कानून, सब जेब मे, सूचना अधिकार की धज्जियां क्यू उड़ा रहा अधिकारी ?
रिपोर्टर – संभागीय ब्यूरो चीफ
अनूपपुर/जैतहरी
अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत जैतहरी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी लोक सूचना अधिकारी सतीश तिवारी जैतहरी के द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम 2005 का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है विभाग चाहे कोई भी हो लोगो को जानकारी आसानी से प्राप्त नही हो पा रही है विभाग के अधिकारी जानकारी लेने वालो को बिना कारण के घुमाया जाता हैं। इनके कार्यालय में जितने भी सूचना अधिकार अधिनियम के द्वारा जानकरी मांगी जाती हैं कुछ मामलों को छोड़कर बाकी मामलों की जानकारी नही दी जाती सूत्रों का कहना हैं कि सीईओ सतीश तिवारी के द्वारा ग्राम पंचायत के सचिव को भी मौखिक रूप से बोला दिया गया है कि कोई भी जानकारी पंचायत से मत देना मेरे पास अपील होगी तो मैं देख लूंगा। इसी कारण ग्राम पंचायत सचिव की तानाशाही बढ़ गयी है लगातार पंचायतों में निर्माण कार्यो के कार्य पर गुणवत्ता विहीन कार्य एवं लापरवाही बरती जा रही हैं।
ये है मामला
ग्राम पंचायत सिवनी जनपद पंचायत जैतहरी से सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत पंचायत से जानकारी लिए जाने हेतु आवेदन दिनांक 8/9/ 2021 को किया गया था । किंतु लोक सूचना अधिकारी /सचिव के द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम मैं निर्धारित समय सीमा के भीतर जानकारी नहीं दिए जाने पर, प्रथम अपीलीय अधिकारी सतीश तिवारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जैतहरी को आवेदक ने प्रथम अपील पेश करते हुए चाही गई जानकारी दिलाए जाने हेतु आवेदन किया था। किंतु प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा जानकारी दिलाया जाना तो दूर आवेदक को आवेदक के अपील पर किए गए कार्यवाही का भी जानकारी दिया जाना उचित नहीं समझा । इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीईओ सतीश तिवारी सूचना अधिकार कानून को कितना मानते है कानून और नियमो का पाठ पढ़ाने और नियमो की हिफाजत करने का संकल्प दोहराने वाले जिम्मेदार अधिकारी अपने जिम्मेदारियों को लापरवाही के पैरों तले कैसे रौंद रहे हैं इनके चार्ज संभालते ही पंचायतों में दिनों दिन भ्रष्टाचार चरम सीमा पार कर गई है सचिव एवं रोजगार सहायक बेखौफ तरीके से शासन की योजनाओं में भ्रष्टाचार कर मालामाल हो रहे हैं एवं आम जनता को आम जनता के लिए बनी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है ।
तृतीय वर्ग कर्मचारी अपात्र सीईओ बन बैठा
अनूपपुर जिले में मंडल संयोजक के पद पर पदस्थ तृतीय वर्ग कर्मचारी सतीश तिवारी कई माह से जनपद पंचायत जैतहरी का मुख्य कार्यपालन अधिकारी बन बैठा है। यह कर्मचारी सीईओ बनने के काबिल ही नही है मगर पता नही कहा से कैसे जुगाड़ लगाकर अपात्र सीईओ बनकर बैठा है। सूत्रों का कहना हैं मध्यप्रदेश के एक मंत्री से इनकी इस समय अच्छी बनती हैं उनकी चरण वंदना करके सीईओ का पद हथिया लिए है। मगर एक अधिकारी के पास कितनी जिम्मेदारी होती हैं इनको इस बात का बिल्कुल पता नही है नियमो की खुलेआम धज्जियां उड़ाते रहते है मंत्री के खास होने के कारण जिले के आला अधिकारियों का भी आशीर्वाद प्राप्त रहता हैं तभी तो भोपाल से इनको कई बार पद से हटाने का आदेश होने के बाद भी आज तक नही हटाया गया हैं। देखने वाली बात यह होगी कि कब तक इनके ऊपर आशीर्वाद प्राप्त होता रहता हैं।
कलेक्टर का अधिकार इनके जेब मे
सीईओ बन बैठे सतीश तिवारी जिले के एक छोटे से पद पर बैठे हैं मगर इनके पास जिला सीईओ एवं कलेक्टर का पॉवर 24 घंटे अपने जेब मे लेकर चलते हैं जब मन या इस पॉवर का उपयोग कर लिए अभी हाल में एक ग्राम पंचायत सचिव का वित्तीय पॉवर छीनकर जनपद जैतहरी में संलग्न कर दिया जब इनको पता चला कि इनके पास सचिव का वित्तीय प्रभार छीनने का पॉवर नही तो फिर कलेक्टर के पॉवर का स्तेमाल करके फिर से बहाल कर दिया गया। इतना होने के बाद भी कारण बताओ नोटिस तो जारी हुआ मगर इनके ऊपर कोई भी कार्यवाही नही हुई है इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता हैं की इनकी पहुँच कहा तक है। ये जो चाहेंगे वही होगा।
क्या है अधिनियम, उद्धेशो पर पानी फेर रहा सीईओ
पूरे देश मे सूचना का अधिकार अधिनियम लागू करने का का मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाने, सरकार के कार्य में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना, भ्रष्टाचार को नियंत्रित करना और वास्तविक अर्थों में हमारे लोकतंत्र को लोगों के लिए कामयाब बनाना है। यह स्पष्ट हें कि एक जानकार नागरिक प्रशासन के साधनों पर आवश्यक सतर्कता बनाए रखने के लिए बेहतर सक्षम है और सरकार को अधिक जवाबदेह बनाता है। यह कानून नागरिकों को सरकार की गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए एक बड़ा कदम है।इस अधिनियम में आम जनता को बिना परेशानी के किसी भी विभाग से चाही गयी जानकारी कुछ शुल्कों के साथ बहुत ही आसानी से प्राप्त किया जा सकता हैं। यह अधिनियम लागू होने के बाद भ्रष्टाचार में कमी तो आयी है मगर विभाग लोगो को जानकारी देने में आनाकानी बहानेबाजी का सहारा लेकर 75% मामलों में आसानी से जानकारी लोगो को उपलब्ध नही हो पाती जानकारी लेने के लिए अपील का सहारा लेना पड़ रहा हैं जिसके कारण समय ज्यादा लग जाता हैं। मगर सूचना अधिकार अधिनियम पर भारी सीईओ सतीश तिवारी ये साहब जब से सीईओ का चार्ज संभाले है तब से आम जनता इनके कार्यशैली से परेशान हैं। केवल सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक एवं इंजीनियर भर खुश है क्यूंकि उन लोगो को ये पूरी छूट देकर रखे हैं। जिससे इनके पांचों उंगली हमेशा घी में रहते है।
राज्य सूचना आयोग में करेंगे अपील
आवेदक जुगल किशोर राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि यह बहुत दुखद वाकया है कि जिम्मेदार अधिकारी अपने जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं जिसके कारण आवेदक को राज्य सूचना आयोग भोपाल के समक्ष अपील प्रस्तुत करना पड़ रहा है। जबकि होना यह चाहिए था कि गिनी चुनी मामला ही राज्य सूचना आयोग के पास जाना चाहिए था लेकिन गैर जिम्मेदार अफसरों के गैर जिम्मेदारी तरीके से की गई कार्यवाहियों के चलते हर मामला राज्य सूचना आयोग के समक्ष अपील प्रस्तुत करना पड़ रहा है। आज नही तो कल सीईओ सतीश तिवारी को इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा।
लग सकता हैं जुर्माना
आवेदक को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत समय पर जानकारी न देने पर आवेदक राज्य सूचना आयोग जाने वाला है जिससे आने वालों दिनों में जानकारी उपलब्ध न कराने की लापरवाही करने के कारण सीईओ सतीश तिवारी पर जुर्माना भी लग सकता हैं और अनुशासनात्मक कार्यवाही भी हो सकती हैं।