Breaking Newsअन्य राज्यआगराइंदौरइलाहाबादउज्जैनउत्तराखण्डगोरखपुरग्राम पंचायत बाबूपुरग्वालियरछत्तीसगढ़जबलपुरजम्मू कश्मीरझारखण्डझाँसीदेशनई दिल्लीपंजाबफिरोजाबादफैजाबादबिहारभोपालमथुरामध्यप्रदेशमहाराष्ट्रमेरठमैनपुरीयुवाराजस्थानराज्यरामपुररीवालखनऊविदिशासतनासागरहरियाणाहिमाचल प्रदेशहोम

*खुरिया डबरा के बसाढ़ नदी मे स्टाप मरम्मत से 63 किसानों के जीवन मे आई खुशियों की लहर*

उमारिया जिला मध्य प्रदेश

*खुरिया डबरा के बसाढ़ नदी मे स्टाप मरम्मत से 63 किसानों के जीवन मे आई खुशियों की लहर*

(पढ़िए जिला उमरिया क्राइम ब्यूरो चीफ किशन विश्वकर्मा की रिपोर्ट)

जिला जनसंपर्क कार्यालय उमरिया
खुशियों की दास्तां
ग्राम पंचायत पहडि़या के ग्राम खुरिया डबरा के पास बसाढ़ नदी मे स्टाप मरम्मत से 63 किसानों के जीवन मे आया बदलाव
नदी मे बनाए गए स्टाप डेम से 86 हे0 जमीन हुई सिंचिंत
उमरिया 7 फरवरी – खेती के लिए पानी का अत्यधिक महत्व है। यदि किसान को खेतो की सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था हो जाए तो वे स्वयं ही खेतो को हरा भरा करके धरती का श्रृंगार कर लेते है।

पाली जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत पहडि़या मे सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा बसाढ़ नदी मे वर्ष 2009- 10 मे 48 लाख 58 हजार रूपये की लागत से स्टाप डेम का निर्माण किया गया। स्टाप डेम बनने के बाद किसानांे द्वारा बंजर पड़ी जमीन पर खेती शुरू की गई। स्टाप डेम के रख रखाव मे ध्यान नहीं देने से उसके गेट खराब हो गये , जिसकी वजह से कम मात्रा मे पानी का संग्रहण हो पा रहा था।

राज्य शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की पहल पर जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ईला तिवारी ने ग्राम पंचायत पहडि़या का भ्रमण किया तथा ग्राम पंचायत को स्टाप डेम के कड़ी शटर तथा जिन भागों का भूमि कटाव हो गया था , मरम्मत के निर्देश दिए। ग्राम पंचायत द्वारा 23 हजार रूपये व्यय कर स्टाप डेम के आस पास के भूमि कटाव का उपचार करते हुए कड़ी शटर की मरम्मत भी करा दी गई।

बरसात के पश्चात नवंबर , दिसंबर स्टाप डेम मे कड़ी शटर लग जाने से बड़ी मात्रा मे जल संग्रहण होना प्रारंभ हो गया। पानी मिलते ही नदी से लगी जमीन वाले 73 किसानों ने फिर से खेती प्रारंभ कर दी। बंजर पड़ी 86 हेक्टेयर भूमि पुनः लहलहा उठी। किसानों ने खेतों मे गेहूं, राई आदि की फसले लेना प्रारंभ कर दिया। उन्होने बताया कि पूर्व मे सिर्फ धान की खेती ही कर पाते थे, अब दो फसले लेने लगे है।
प्रस्तुतकर्ता
गजेंद्र द्विवेदी

Related Articles

Back to top button