*आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन एटक के बैनर के नीचे मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौपा गया ज्ञापन*
अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन एटक के बैनर के नीचे मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौपा गया ज्ञापन
रिपोर्टर – संभागीय ब्यूरो चीफ
अनूपपुर/प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से पोषण चेकर ऐप के जरिए जबरजस्ती काम कराना चाहती है को कार्यकर्ताओं को एंड्राइड मोबाइल मुहैया कराया गया नहीं हिंदी मैं काम करने के लिए व्यवस्था की गई और ना ही मोबाइल में पर्याप्त बैलेंस डलवाने के बारे में सरकार ने विचार किया एक और दुखद स्थिति है वैक्सीनेशन में एनम एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को समान रूप से काम करना पड़ता है एनम को 300 रुपए प्रतिदिन प्रोत्साहन राशि दिए जाते हैं
स्वागत योग्य है किंतु आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एवं सहायिका को समान खतरे में काम करने के बावजूद भी कोई प्रोत्साहन राशि नहीं दिया जाता है जो दुर्भाग्यपूर्ण है समान काम की समान मजदूरी या प्रोत्साहन राशि होनी चाहिए ऐसी स्थिति में जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने 2019 से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को माननीय उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश के बावजूद भी 15 शो रुपए कम मानदेय का भुगतान कर रही है ऊपर से दर्जनों प्रकार की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दी गई है।
शासन के दबाव एवं अधिकारियों के प्रताड़ना से कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कर चुकि हैं आत्महत्या
कई आंगनबाड़ी केंद्र सुदूर जंगलों में पहाड़ों पर एवं दूरदराज के इलाकों में स्थित है शासन के दबाव एवं अधिकारियों के प्रताड़ना से कार्यकर्ताओं के सामने शासन एवं सरकार से लड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं है इसी सिलसिले में मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन एटक के बैनर के नीचे मुख्यमंत्री को संबोधित एसडीएम एवं कार्यक्रम अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया
ज्ञापन देने वालों में कामरेड अंजली श्रीवास्तव जिला अध्यक्ष कामरेड उर्मिला भाव जिला सचिव कामरेड लीला बांधव कामरेड देवी राव कामरेड शशि शिवहरे कामरेड सविता देवी कामरेड चंदा देवी कामरेड लीलावती पनिका कामरेड जयंती मार्को कामरेड सुभद्रा केवट कामरेड बंदना शर्मा कामरेड सुनीता मिश्रा कामरेड कांति देवी कामरेड गीता केवट एवं सहयोग करने के लिए कामरेड अरविंद श्रीवास्तव कामरेड शिवहरे एवं कामरेड प्रमोद कुमार सिंह विशेष रूप में से मौजूद थे धारा 144 के कारण इतने ही लोग जाकर के विरोध स्वरूप शासन के अधिकारियों को ज्ञापन दिए और शासन को चेतावनी दी है के यूनियन की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन करेंगे