*कार्यवाही न होने के कारण प्रशासन की लापरवाही से एक और गयी जान क्या जिला के अधिकारियों का आदेश कागजो पर ही सिमट कर रह जायेगा*
अनुपपुर जिला मध्यप्रदेश

कार्यवाही न होने के कारण प्रशासन की लापरवाही से एक और गयी जान
क्या जिला के अधिकारियों का आदेश कागजो पर ही सिमट कर रह जायेगा
संवाददाता – चंद्रभान सिंह राठौर संभागीय ब्यूरो चीफ
अनूपपुर
10 सितंबर की रात लगभग 7 से 8 बजे के बीच जिला मुख्यालय के अमरकंटक तिराहा बियानी मिल के पास एक गौवंश को अज्ञात कार ने टक्कर मार दी टक्कर इतनी भयंकर थी कि गौवंश तत्काल घटना स्थल पर मौत हो गयी और कार के सामने का कांच और बोनट पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया कार चालक डर के मारे घटना स्थल से फरार हो गया कार चालक को कितनी चोट आई इसका पता नही चल पाया है
मगर यह अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि टक्कर इतनी तेज होने के कारण गाडी में बैठे लोगों को अवश्य चोट आई होगी देखने की बात यह है कि कलेक्टर के आदेश के 1 माह बाद भी पूरे जिले में आवारा गौ वंश से लोगो को छुटकारा नही मिला है 1 माह से नगर पालिका, नगर परिषद और ग्राम पंचायतें गौ वंश को पकड़ रही है मगर सड़को पर उतने ही गौ वंश देखने को मिल रही हैं। प्रशासन की लापरवाही से मूक अनजान गौ वंश काल के गाल में समा रहे हैं और इनके अलावा आम लोग भी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं।
लोगो का मानना है कि केवल कागजो पर आदेश देने से समस्या हल नही होती उसका पालन करवाना पड़ता हैं यहाँ पर प्रशासन कागजो पर आदेश देकर अपना काम पूरा कर लेती है और पालन करवाने वाले भी कागजो पर ही आदेश का पालन कर देते हैं मामला वही पर खत्म लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है नगरीय और ग्राम प्रशासन का कहना हैं कि हम लोगो ने सैकड़ो गौवंश को पकड़कर गौशाला भेज दिया है तो सड़को पर उतने ही तादात में आवारा पशु कैसे दिख रहे हैं कुछ नगर परिषद का रोना है कि हमारे पास पर्याप्त कर्मचारी नही है और कुछ कहते है कि हमारे पास गौवंश पकड़ने वाली गाडी नही है कोई कुछ करना ही नही चाहता तो अपने आप काम तो होने से रहा।
आज भी जिला मुख्यालय में लगभग 500 से ज्यादा संख्या में गौवंश घूम रहे हैं इसी तरह पूरे जिले का भी यही हाल है। जिला मुख्यालय के बड़े अधिकारी एक दिन रात में सड़कों पर निकल कर देखे तो समझ मे आ जायेगा कि उनके आदेश का 10% भी पालन नही हो पाया हैं। मगर बड़े अधिकारी अपने आलीशान बंगलो के ए सी रूम से निकलना नही चाहते आम जनता की समस्या और गौवंश से क्या लेना देना जिसको जहाँ मरना हो मरते रहे।
अगर बड़े अधिकारी अपने दिए हुए आदेश की समीक्षा कर ले तो उनको पता चल जाएगा कि उनका आदेश मानने वाला कोई भी नही है। सरकार गौवंश के नाम पर करोड़ो रूपये खर्च तो कर रही है मगर सही रूप से उसका सदुपयोग नही हो पा रहा हैं।जिला के मुखिया कलेक्टर का आदेश महज दिखावा बनकर रह गया हैं। जिले में रोजाना कई गौवंश की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती हैं।