*सीधी बघवार नहर में गिरी परिहार बस हादसा एवं (51) यात्रियों की मौत का कौन है जिम्मेदार (बस मालिक) या (बस चालक) या (प्रशासन) का सिस्टम…? क्या है सच पढ़ें पूरी खबर*
सीधी जिला मध्य प्रदेश

*सीधी बघवार नहर परिहार बस हादसा (51) यात्रियों की मौत का कौन है जिम्मेदार (बस मालिक) या (बस चालक) या (प्रशासन) का सिस्टम…?*
✍️ सीधी से चलकर सतना आ रही नहर में डूबी बस को लेकर जो मुख्य बात सामने आ रही है उसमें ड्राइवर द्वारा तय रूट से ना जाकर दूसरे रूट से बस को ले जाना बताया जा रहा है। घटना के संबंध में मिल रही जानकारी अनुसार छुटिया घाटी में जाम की स्थिति के कारण परमिट रूट से 7 किमी डायवर्टेड रूट से बस को ले जाया जा रहा था।
छुहिया घाटी में पहाड़ के ऊपर बड़े-बड़े गड्ढों के कारण आए दिन ओवरलोड ट्रक, फंस जाते हैं। जिससे लंबा जाम लगता है। ज्ञात हो कि कई महीनों से छुहिया घाटी में जाम की स्थिति बन रही है। लेकिन प्रशासन ने सड़क ठीक करवाने में रुचि नहीं ली ।
💥📌 *32 की क्षमता वाली बस में भरी थीं 60 सवारियां*
रीवा – सीधी बार्डर के पास छुहियाघाटी के नजदीक परिहार ट्रैवल्स की जो बस इस भयावह जानलेवा हादसे का शिकार हुई, उसकी क्षमता 32 सवारियां बैठाने की थी, लेकिन उसमें 60 सवारियां भरी हुई थीं, इसे देखने की जिम्मेदारी क्या परिवहन विभाग के कारिंदों की नहीं थीं, क्यों ऐसी बस को सीधी से निकलने दिया गया ?
*पहले भी इस रास्ते पर हो चुके हैं भीषण सड़क हादसे
1.सीधी-सतना के इस मार्ग पर अब तक कई हादसे हो चुके हैं. पहला हादसा साल 1988 में हुआ था. जब लिलजी बांध में बस जा गिरी थी. उस हादसे में 88 यात्रियों की मौत हुई थी.
2. दूसरा हादसा 18 नवंबर 2006 में हुआ था जब यात्रियों से भरी एक बस गोविंदगढ़ तालाब में गिर गई थी, इस दुर्घटना में 68 यात्रियों की मौत हुई थी. सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब यहां पहले भी हादसे हो चुके थे तो ड्राइवर ने लोगों की जान से खिलवाड़ क्यों किया? साथ ही प्रशासन इस रूट पर भारी वाहनों को प्रवेश कैसे देता है।
राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ क मध्य-प्रदेश राजमणि पांडे की रिपोर्ट