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*चमोली जिले में ऋषि गंगा पर बने दो हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बांध टूटने से बढ़ा खतरनाक खतरा पूरी तरह से तबाही एवं 150 सौ लोगों से अधिक मरने की आशंका जताई जा रही है*

चमोली जिला उत्तराखंड

*💥💥बड़ी खबर उत्तराखंड मे जल प्रलय💥💥*। *ऋषिगंगा पर बने दो हाइड्रो प्रोजेक्ट ध्वस्त, 150 की मौत की आशंका;

वायुसेना का सुपर हरक्यूलिस विमान बचाव दल के साथ पहुंचा देहरादून*

*उत्तराखंड:-* ऋषिगंगा पर बने दो हाइड्रो प्रोजेक्ट ध्वस्त, 150 की मौत की आशंका; वायुसेना का सुपर हरक्यूलिस विमान बचाव दल के साथ पहुंचा देहरादूनभारतीय वायुसेना का सुपर हरक्यूलिस विमान बचाव दल के साथ जौलीग्रांट हावाई अड्डे पहुंचा।
चमोली जनपद में ऋषिगंगा नदी पर बन रहे हाइड्रो प्रोजेक्‍ट का बांध टूट गया है।

इसमें कई मजदूरों के बहने की आशंका है। यहां 24 मेगावाट का प्रोजेक्‍ट निर्माणाधीन था। हिमखंड टूटने के बाद नदी में बाढ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

चमोली जिले में एवलांच के बाद ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है, जबकि धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया, जिससे गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।

इसे देखते हुए राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार तक रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। जब यह हादसा हुआ, तब दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। इस हादसे में करीब 150 लोगों के मरने की आशंका है, जबकि 10 के शव बरामद किए गए हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं। सीएम ने चमोली जिले में पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन और रैणी का निरीक्षण किया और सभी को दिशा-निर्देश दिए, जिसके बाद वे देहरादून के लिए रवाना हो गए हैं।

-भारतीय वायुसेना का सुपर हरक्यूलिस विमान बचाव दल के साथ जौलीग्रांट हावाई अड्डे पहुंचा

– सेना के हेलिकॉप्टर को भी बचाव कार्य में तैनात किया गया, कई गांवों का संपर्क कटा हैः

– उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र रावत ने हादसे के मृतकों के परिजनों के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया।

तस्वीरों में देखें, हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूटने के बाद चमोली में भयावह हालात..

-डीजीपी अशोक कुमार ने ट्विट कर कहा कि श्रीनगर में अब नदी का बहाव सामान्‍य हो गया है। देवप्रयाग और निचले इलाकों के लोगों के लिए अब खतरे की कोई बात नहीं है। पुलिस राहत व बचाव तेजी से कर रही है।
-अभी तक सात शव निकाले जा चुके हैं, 150 श्रमिक अभी भी लापता, ज‍बकि पांच पुल क्षतिग्रस्‍त हो चुके हैं।

-एनटीपीसी की धौलींगगा परियोजना का बांध, गेस्‍ट हाउस, आवासीय भवन क्षतिग्रस्‍त। ऋषिगंगा हाइड(प्रोजेक्‍ट भी क्षतिग्रस्‍त।

– आइटीबीपी, एसडीआरएफ, एसएसबी, एयरफोर्स, एनडीआरएफ की टीमें मौके के लिए रवाना। सेना की छह टुकडियां, एक इंजीनियरिंग विंग तपोवन पहुंची।

– स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम रैणी पहुंची।

– एनडीआरएफ की एक अन्‍य टीम तपोवन के लिए रवाना।

– नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा का पानी 533.60 मीटर पर स्थिर।

-तपोवन में दूसरी टनल में फंसे 35 से 36 श्रमिकों का रेस्‍क्‍यू जारी। टनल को खोलन में जुटी टीम।

-आइटीबीपी ने तपोवन में टनल में फंसे सभी 16 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है।

-भारतीय नौसेना की सात गोताखोर टीमें उत्तराखंड में राहत-बचाव ऑपरेशन के लिए स्टैंडबाय पर हैं- भारतीय नौसेना के अधिकारी।

-मलारी के पास एक सीमा सड़क संगठन पुल बाढ़ से बह गया है। महानिदेशक बीआरओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने अधिकारियों को जल्द से जल्द इसे बहाल करने के निर्देश दिए हैं। दुकानों और कर्मियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है।

-आइटीबीपी के डीजी एसएस देशवाल ने बताया कि 9-10 शव नदी से बरामद किए गए हैं। सर्च ऑपरेशन चल रहा है। 250 आइटीबीपी के जवान मौजूद हैं।

-तपोवन क्षेत्र के रेनी गांव में सेना के चार कॉलम, दो मेडिकल टीम और एक इंजीनियरिंग टास्क फोर्स की तैनाती की गई है।

-डीआइजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने दी बताया कि तपोवन की दो टनलों में 46 लोग फंसे हुए हैं। इनमे एक टनल में 16 और दूसरी में 30 लोग हैं। दोनों टनल्स बंद हैं। यहां से इन्हें रेस्क्यू करने की तैयारी चल रही है।

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