*निर्वस्त्र महिला को गांव में घुमाने वाले आरोपियों के घरों पर चला मामा का बुलडोजर*
तहसील मैहर जिला सतना मध्यप्रदेश

*निर्वस्त्र महिला को गांव में घुमाने वाले आरोपियों के घरों पर चला मामा का बुलडोजर*
(पढ़िए जिला सतना ब्यूरो चीफ राजेश लोनी की रिपोर्ट)
आइए जानते हैं पूरा मामला मध्य प्रदेश सतना जिला तहसील मैहर के अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरा गांव में विगत दिनों पहले पटेल समाज के दबंगों द्वारा साहू समाज की एक महिला को पीटकर एवं निर्वस्त्र करके पूरे गांव में घुमाया था और शासन प्रशासन के द्वारा कार्यवाही की गई लेकिन खानापूर्ति के लिए की गई थी
तब जाकर साहू समाज इसी मुद्दे को लेकर एसपी ऑफिस कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई थी तब जिला पुलिस अधीक्षक जी के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी
इसी मुद्दे को लेकर और पीड़ित महिला की सच्चाई का साथ देते हुए जागा मैहर प्रशासन
ग्राम पंचायत खैरा में पहुंचकर मामा का बुलडोजर ले जाकर आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलवाकर यह साबित करते हुए नजर आ रहा है की जो दबंग दूसरों के बहन बेटियों एवं महिलाओं पर अत्याचार करेगा, उसके साथ यही अंजाम होगा
ताकि आने वाले समय में ऐसा कोई भी किसी भी समाज का व्यक्ति महिलाओं पर अत्याचार करने से पहले सौ बार सोचे के लिए मजबूर हो जाए
और जो बीजेपी सरकार महिलाओं की सुरक्षा की बात की थी वह अब पूरा होते हुए मामा का बुलडोजर साबित करते हुए नजर आ रहा है और यह दबंगों के लिए अच्छा सबक है
बीजेपी सरकार की तरफ से कि जो दूसरों के बहन बेटियों को घर से निकाल कर बेज्जती करेंगा और उसी के परिवार के लोग गाली देकर कह रहे है और मार क्राइम रोकना चाहिए तो और अपराध का बढ़ावा दे रहे है
अब समझ में आया की परेशानी क्या होती है ठीक उसी तरह उसके भी परिवार को सहन करना पड़ेगा और पेड़ पौधे के नीचे भूखे प्यासे घूमेंगे तब जाकर दबंगों के मानसिकता में बदलाव आएगा
बीजेपी सरकार की सोच बहुत ही अच्छी सोच है ऐसे हैवान दरिंदों को सुधारने के लिए और अपराध को समाज में बढ़ावा देने वालों के लिए बीजेपी सरकार सही तरीके अपना रही है
जो समाज में गंदगी फैलाने का काम कर रहे हैं
साहब कड़वा है मगर सच है
साहब समाज किसी का गंदा नहीं होता समाज में ऐसे कीड़े रहते हैं और उन्हीं कीड़ों को समाज के कुछ लोग बढ़ावा देते है इसीलिए समाज गंदा कहला जाता है और समाज बदनाम हो जाता है
*जिला सतना ब्यूरो चीफ राजेश लोनी की रिपोर्ट*