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*सक्रंमित इलाके वार्ड मोहल्ले में माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र बनाकर रोंके संक्रम प्रभारी मंत्री श्री पटेल* जिला संकट प्रबंधन समूह की बैठक संपन्न*

सतना जिला मध्य प्रदेश

⚡ *सक्रंमित इलाके वार्ड मोहल्ले में माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र बनाकर रोंके संक्रम प्रभारी मंत्री श्री पटेल*
जिला संकट प्रबंधन समूह की बैठक संपन्न⚡
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सतना 26 अप्रैल 2021/सतना जिले में कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ रही रफ्तार को रोकने संक्रमित क्षेत्र के वार्ड, मोहल्ले, गांव आदि में माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र बनाकर संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने का कार्य किया जाए। इसके साथ ही संक्रमित मरीजों के होम आइसोलेशन एवं स्वास्थ्य केंद्रों में विकेंद्रीकृत व्यवस्थाओं के अनुरूप बेहतर इलाज के प्रबंध किए जाएं। इस आशय के निर्देश कोविड नियंत्रण के जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामखेलावन पटेल ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न जिला संकट प्रबंधन समूह की बैठक में दिए। इस मौके पर सांसद गणेश सिंह, विधायक नागेंद्र सिंह, नारायण त्रिपाठी, विक्रम सिंह, सिद्धार्थ कुशवाहा, नीलांशु चतुर्वेदी, पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी, कलेक्टर अजय कटेसरिया, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, निगमायुक्त तन्वी हुड्डा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक अवधिया, सिविल सर्जन डॉ रेखा त्रिपाठी, समस्त एसडीएम एवं एसडीओपी उपस्थित थे।

प्रभारी मंत्री श्री पटेल ने कहा कि पूरे प्रदेश में हम सब कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहे हैं। कोरोना के संक्रमण के प्रसार को रोकने कड़े कदम उठाकर श्रृंखला को तोड़ना होगा। हमारे नगर अथवा गांव में कहीं संक्रमण है तो उस क्षेत्र को कंटेनमेंट क्षेत्र बनाकर सील करें, ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। चिकित्सक और रोगियों की सेवा में लगा मेडिकल स्टाफ इस लड़ाई में सेनापति की भूमिका में है। उन्होंने कहा कि संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं अस्पतालों में व्यवस्था की गई है। इन व्यवस्थाओं का भ्रमण कर जायजा भी लिया गया है। निर्धारित मापदंड के अनुसार मरीजों का इलाज यहां भी शुरू रहे, ताकि जिला अस्पताल में मरीजों का लोड नहीं बढ़े। इसके अलावा जिला एवं ब्लाक स्तर पर आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटर भी बनाए गए हैं। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को सुनिश्चित करें कि उन्हें दवाओं की किट शीघ्र मिल जाए। इसी प्रकार से ग्राम पंचायत स्तर पर संक्रमितों की पहचान और उपचार के लिए कोरोना सहायता केंद्र बनाए। गांव में बाहर से आने वाले लोगों की जांच कराकर क्वारेंटाइन या आइसोलेशन सेंटर में रखकर उनके भोजन-पानी का बेहतर प्रबंध किया जाए। ग्राम स्तरीय मैदानी कर्मचारी, रोजगार सहायक, ग्राम सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम वैक्सीनेशन के लिए और कोरोना कर्फ्यू के पालन के लिए जागरूकता अभियान चलायें। कोरोना वैक्सीनेशन के 1 मई से प्रारंभ हो रहे 18 प्लस आयु वर्ग के लोगों को शत-प्रतिशत टीकाकरण की कार्य योजना तैयार कर टीकाकरण कराएं।
प्रभारी मंत्री श्री पटेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दवाओं, ऑक्सीजन की आपूर्ति एवं संसाधनों के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। जिले में 3 करोड़ की राशि आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए मिली है। जिन्हें नगरीय निकाय, जनपद और स्वास्थ्य केंद्रों को जारी कर दिया गया है। सांसद सतना गणेश सिंह के प्रयास से जिला अस्पताल को 300 नग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक सप्ताह में मिल जाएंगे। जिले में उत्पादित ऑक्सीजन आवश्यकता की पूर्ति के बाद ही बाहर दी जाएगी। ऑक्सीजन के टैंकर भी जिले में आ रहे हैं। पोस्ट कोविड मरीजों के लिए जीएनएम कॉलेज में 96 ऑक्सीजन युक्त बेड तैयार हो रहे हैं। आवश्यकतानुसार एंबुलेंस और शव वाहन की खरीदी विधायक, सांसद निधि से भी की जा सकती है। रोगियों की सेवा और संसाधन जुटाने में जिले के सांसद, विधायक एवं जनप्रतिनिधि एक मत हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान भी कर रहे हैं। प्रभारी मंत्री ने कहा कि संकट का समय है। सभी के समन्वय और सहयोग से आने वाले समय की विषम चुनौतियों से सामना कर कोरोना के विरुद्ध लड़ाई को अवश्य जीतेंगे।
सांसद श्री सिंह ने कहा कि कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे निजी चिकित्सा संस्थाओं के समन्वय के लिए प्रशासक नियुक्त किया जाए। इसके अलावा सेवानिवृत्त प्राइवेट चिकित्सकों की सेवाएं लेकर ड्यूटी का रोस्टर बनाया जाए। आईएमए से सेवा के इच्छुक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की जानकारी लेकर चिन्हित करें। सांसद ने कहा कि गांवों में माइग्रेंट लेबर का आना शुरू हो गया है। संक्रमण से हमारे गांवों को कैसे बचाया जाए, इस पर गंभीरता पूर्वक कार्यवाही करें। कोविड वार्डों में चिकित्सक का राउंड कम से कम 2 बार हो। कोविड वार्ड में परिजनों या अन्य व्यक्तियों को कतई एलाऊ नहीं करें, ताकि संक्रमण बाहर नहीं फैले। जिले में दो प्लांट से ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है, जो जिले की आवश्यकता से अधिक है। प्रधानमंत्री जी ने 551 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की स्वीकृति दी है। स्थान का चिन्हांकन कर शीघ्र निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ की जाए। उन्होंने कहा कि संसाधनों को जुटाने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने 1 मई से शुरू हो रहे 18 प्लस आयु वर्ग के वैक्सीनेशन की कार्य योजना की जानकारी भी ली। सांसद ने कहा कि जिले के ऑक्सीजन प्लांट में बिजली एवं अन्य आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति सतत सुनिश्चित की जाए, ताकि ऑक्सीजन के उत्पादन का कार्य प्रभावित नहीं हो।
विधायक नागौद नागेंद्र सिंह, मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी सहित विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, नीलांशु चतुर्वेदी, विक्रम सिंह एवं पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी, बिरला हॉस्पिटल के डॉक्टर संजय माहेश्वरी ने भी 3 घंटे चली बैठक में अपने-अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
बैठक के पूर्व कलेक्टर अजय कटेसरिया ने जिले में लागू कोरोना कर्फ्यू के दौरान श्रृंखला को तोड़ने की जा रही प्रशासनिक गतिविधियां, अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के उपचार, जिले में संक्रमण के प्रसार की स्थिति एवं उपलब्ध संसाधनों की जानकारी दी। कलेक्टर ने बताया कि जिले में कुल 1520 कोरोना के एक्टिव केस हैं। जिनमें दो-तिहाई केस शहरी क्षेत्र के हैं। दूसरी स्थिति रामनगर की है, जहां माइग्रेंट लेबर की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों का संक्रमण हो सकता है। कटनी से कनेक्टेड होने के बाद भी मैहर की स्थिति नियंत्रित है। इसका कारण यहां सबसे अच्छा टीकाकरण होना हो सकता है। पिछले 4-5 दिन से उचेहरा में भी प्रकरण मिल रहे हैं। नागौद में कुछ नियंत्रण हुआ है। मझगवां क्षेत्र यूपी से लगा होने के कारण लगभग 95 एक्टिव केस हैं। रामपुर बघेलान में संक्रमण का प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहा है। कलेक्टर ने बताया कि शहर में पॉजिटिविटी रेट घटी है, लेकिन पोस्ट कोविड केस के रूप में हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ेगा।
कलेक्टर श्री कटेसरिया ने बताया कि कोरोना के क्रिटिकल मरीजों के लिए जिला अस्पताल में 49 बेड आईसीयू, बिरला हॉस्पिटल में 11, आयुष्मान में 4, श्रीजी कान्हा में 10, यश हॉस्पिटल में 4, सार्थक में 8 और सद्गुरु चित्रकूट में 6 बेड मिलाकर कुल 92 आईसीयू बेड हैं, जो सभी भरे हुए हैं। ऑक्सीजन सपोर्ट आइसोलेशन पूरे जिले में लगभग 425 बेड है। जिनमें जिला अस्पताल 176, बिरला 11, आयुष्मान 10, श्रीजी कान्हा 40, यश हॉस्पिटल और पाठक में 10-10, सार्थक में 14, चित्रकूट सद्गुरू में 30, रेनबो में 7, मैहर हॉस्पिटल में 55, नागौद में 16, रामनगर-देवराज नगर, अमरपाटन में 20-20, मझगवां 10, रामपुर बघेलान में 8 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं। इसके अलावा जीएनएम में 96 ऑक्सीजन सपोर्टेड पोस्ट कोविड मरीजों के लिए तैयार किए गए हैं।
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मरीजों को होम आइसोलेशन किट और ऑक्सीजन कम वाले मरीजों को ट्रीटमेंट किट दी जा रही है। पुलिस बल के संक्रमित जवानों को प्रतिदिन दो बार वीडियो कॉल से बात कर मनोबल बढ़ाया जाता है और मेडिकल स्टाफ द्वारा स्वास्थ्य निगरानी की जाती है। उन्होंने बताया कि कोरोना कर्फ्यू में छूट प्राप्त गतिविधियों जैसे सब्जी मंडी, किराना दुकान, बाजार क्षेत्र की दुकानों को और भी नियंत्रित कर प्रभावी क्रियान्वयन किए जाने की आवश्यकता है। बैठक में बताया गया कि कोरोना वॉरियर्स विभागों के सम्मिलित कर्मचारियों के सुरक्षा कवच के रूप में कोरोना योद्धा योजना की अवधि 31 मई तक बढ़ाई गई है, इसका प्रचार-प्रसार किया जाए।

*सतना जिला से ब्यूरो चीफ रितिक साहू की रिपोर्ट*

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